UP: अलीगढ़ में बच्चा चोरी का डर, मां-बाप ने ऐसे बांध दिया जैसे जानवर!
उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ की सरोज नगर कॉलोनी के बाहर झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार अपने बच्चों को लोहे की जंजीर और ताले में जकड़कर रखते हैं. दरअसल, बच्चा चोरी होने के डर से बच्चों को इस क्रूरता के साथ रखने के लिए उनके मां बाप मजबूर हैं.
उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ की सरोज नगर कॉलोनी के बाहर झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार अपने बच्चों को लोहे की जंजीर और ताले में जकड़कर रखने को मजबूर हैं. इस दृश्य को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है और लोग इसे क्रूरता की नजर से भी देखते हैं. वहीं, बच्चों के मां-बाप की मजबूरी देख हर कोई सन्न रह जाता है. दरअसल, बच्चा चोरी होने के डर से बच्चों को इस क्रूरता के साथ रखने के लिए उनके मां बाप मजबूर हैं.
उनका कहना है कि 2 हफ्ते पहले रात को सोते वक्त उनकी एक 2 वर्ष की मासूम बच्ची को बच्चा चोर चोरी कर ले गए. इसका मुकदमा पुलिस थाने में दर्ज तो हो गया लेकिन अभी तक पुलिस उसका कोई सुराग नहीं खोज सकी है बच्चा चोर गैंग के भय से मां-बाप मासूम बच्चों को क्रूरता भरी नींद देने को मजबूर हैं.
ये मामला अलीगढ़ के महुआ खेड़ा थाना इलाके के क्वार्सी बाईपास स्थित सरोज नगर, गली नं 6 का है. जहां नीलाधर और राजा नाम के बंजारों और लोहार के परिवार झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं. परिजनों ने बताया कि 22 जून की रात 3-4 बजे के बीच झुग्गी के बाहर मां के साथ सो रही 2 साल की मासूम बेटी शिवानी को बच्चा चोर गैंग चोरी कर ले गया इसकी शिकायत पुलिस से की गई
इस मामले को लेकर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है लेकिन करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी बच्ची का पुलिस कोई सुराग नहीं खोज सकी है. परिजनों का कहना है कि अब बच्चों को लेकर बहुत डर लगता है कि कहीं, इन बच्चों में से कोई बच्चा चोरी न हो जाए. इसलिए दिन हो या रात जब भी घर बड़े सदस्य नींद लेते हैं तो बच्चों को चारपाई या पलंग में लोहे की जंजीर और ताले में जकड़ देते हैं जिससे कि कोई उन्हें चोरी न कर सके.
हालांकि, परिजनों का कहना है कि बच्चों को लोहे की जंजीर और तालों से पीड़ा होती है. बच्ची के परिजनों ने नराजगी जताते हुए कहा कि अगर हम अमीर होते तो हमारी सुनी जाती, हम गरीबों की कौन सुनेगा. बच्चे सुरक्षित रहें और रात को सोते समय उठाकर कोई न ले जा सके, इसलिए मां-बाप को दिल पर पत्थर रखकर अपने बच्चों के बचपन को जंजीरों में कैद करना पड़ रहा है.