पाकिस्ता-न के कट्टरपंथियों पर चला सुप्रीम कोर्ट का हथौड़ा, हिंदुओं की हुई बड़ी जीत, जानें- पूरा मामला
पाकिस्ता न के सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्य बैंच ने हिंदुओं के धार्मिक स्थआल धर्मशाला पर किसी भी तरह के अतिक्रमण और डिमोलिशन को तत्कायल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश को पाकिस्ताकन में रहने वाले हिंदु अल्पासंख्यहकों की बड़ी जीत माना जा रहा है। ये धर्मशाला 716 स्वार्मशयर यार्ड में हैं। पाकिस्ताैन के कट्टरपंथियों की करतूतों के खिलाफ दायर एक याचिका में पाकिस्तासन हिंदु काउंसिल के संरक्षक डॉक्ट र रमेश कुमार वंकवानी ने आरोप लगाया है कि बहुसख्ंतयक समुदाय इस जगह को नष्टट कर यहां पर एक शॉपिंग कॉम्प्लेतक्सम बनाना चाहता है।गौरतलब है कि पिछले वर्ष 30 दिसंबर को यहां पर करीब 100 स्थालनीय लोगों ने राजनीतिक पार्टी के साथ मिलकर हमला बोल दिया था। हिंदुओं के इस धार्मिक स्थुल पर तोड़फोड़ की गई और यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं के साथ मार-पीट की गई थी। इतना ही नहीं इन लोगों ने यहां पर आग भी लगा दी थी। ये लोग लगातार इसको नष्टग करने और हिंदुओं के मंदिर को हटाने को लेकर नारेबाजी भी कर रहे थे। आपको बता दें कि ये जगह हिंदुओं के एक संत का समाधि स्थील है। हर रोज यहां पर श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और पूजा पाठ करते हैं। डॉक्ट र रमेश द्वारा सुप्रीम कोर्ट का इस ओर ध्याेन खींचने वाली याचिका पर ही ताजा फैसला आया है।
चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्ताहन जस्टिस गुलजार अहमद के नेतृत्वम में बनी खंडपीठ ने अपने आदेश में कोर्ट ने सिंध के सचिव को इस धार्मिक स्थकल के बारे में ताजा रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने दिसंबर में यहां पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी की घटना की जांच के भी आदेश दिए हैं। कोर्ट ने खैबर पख्तू़ख्वांी के इंस्पेभक्टहर जनरल और अल्पठसंख्यवक आयोग के डॉक्टवर शोएब सुडले को एक सदस्यर आयोग से पूरी घटना की जांच कराने और अपनी रिपोर्ट सौंपने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने कराची के कमिश्नीर को इस जगह का हक अपने हाथों में लेने का भी आदेश दिया है।
डॉक्ट र रमेश ने अपनी याचिका में कहा है कि इवेक्यूच ट्रस्टर प्रॉपटी बोर्ड ने इस जगह को लीज पर एक प्राइवेट डीलर को दे दिया है। वो यहां पर एक नई बिल्डिंग बनाना चाहता है। सुबूत के तौर पर उन्होंोने कोर्ट के समक्ष कुछ फोटोग्राफ पेश किए हैं। इसमें इसके 1932 में बनाए जाने का सुबूत भी शामिल है। उन्होंपने कोर्ट से अपील की है कि इसको हैरिटेज बिल्डिंग के तौर पर संरक्षित किया जाना चाहिए।