दिल्ली एम्स मे लगी आग दमकल की 26 गाड़ियाँ मौके पर पहुची

अग्निशमन अधिकारी सुनील चौधरी ने बताया कि हमे रात 10.30 पर आग लगने की सूचना मिली थी। दिल्ली एम्स में लगी आग पर काबू पा लिया गया है। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग ने 26 गाड़ियां मैके पर भेजी थीं। आग से होने वाले नुकसान की पड़ताल की जा रही है। अब आग पर काबू पा लिया गया है। इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है। जहां आग लगी उस जगह को कोविड सैम्पलिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। आपको बता दें कि कल देर रात एम्स के कन्वर्जन ब्लॉक की नौंवी मंजिल में आग लगी थी। एम्स के डॉक्टरों से मिली जानकारी के अनुसार इस ब्लॉक में जांच इत्यादि के कार्य किए जाते हैं। यहां मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता है। दरअसल इससे पहले दिल्ली एम्स में 17 अगस्त 2019 के दौरान भी आगजनी की घटना सामने आई थी। उस घटना के निशान अभी भी एम्स के एकेडमिक ब्लॉक में नजर आते हैं जिसमें करोड़ों रुपये की अत्याधुनिक लैब जल गई थीं। इससे पहले वर्ष 2016 में भी ऐसी घटना सामने आई थी। साल 2016 से लेकर 3 अप्रैल 2019 के बीच एम्स प्रबंधन ने चार बार एडवाइजरी जारी करते हुए विभागों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे लेकिन हालात फिर भी बदले नहीं। स्थिति यह है कि बुधवार को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शार्ट सर्किट होने की वजह से आग लगी है जो धीरे धीरे नौवीं मंजिल पर फैल गई। प्रत्यक्षदर्शी डॉक्टरों के अनुसार रात तकरीबन 10 बजे के आसपास आग लगने की सूचना मिली थी जिसके बाद एम्स के सुरक्षा गार्डों ने काफी प्रयास किया। साथ ही दिल्ली अग्निशमन विभाग को जानकारी दी गई। इस दौरान एक के बाद एक दमकल वाहन आना शुरू हुए और रात 11 बजकर 15 मिनट तक 20 वाहन पहुंच चुके थे। ऊपरी मंजिल में काफी तेज है आग एम्स में मौजूद एक दमकल कर्मचारी ने फोन पर बताया कि कन्वर्जन ब्लॉक के बारे में उन्हें जानकारी है। यहां नौवीं मंजिल पर आग है और चारों ओर धुंआ है। नीचे की मंजिल में रात 11 बजकर 20 मिनट तक आग नहीं पहुंची है। उसे ऊपर ही रोकने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि एम्स के स्टाफ से पता चला है कि अंदर कोई व्यक्ति नहीं है लेकिन अधिक जानकारी आग पर काबू पाने के बाद ही पता चलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऐसा ही लग रहा है कि आग शार्ट सर्किट की वजह से लगी है। बार बार बोलने के बाद भी हालात में सुधार नहीं एकेडमिक ब्लॉक में आग की घटना के बाद एम्स ने सभी विभागों को सलाह दी गई थी कि अवकाश होने पर बिजली से जुड़े तमाम उपकरणों को बंद करके ही जाएं, लेकिन इस पर अब तक किसी का ध्यान नहीं। बत्ती बंद करने की फुर्सत एम्स के डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ या अन्य कर्मचारियों को नहीं है। उस दौरान जब जांच की गई थी तो ज्यादातर कमरों में एसी चालू हालत में मिले थे। एकेडमिक ब्लॉक में भीषण आग लगने के बाद सुरक्षा उपायों को लेकर डॉक्टरों ने खासा नाराजगी व्यक्त की थी। एक बैठक में ये मुद्दा भी उठाया था लेकिन हालात फिर भी बदले नहीं है।

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