नवल किशोर दास रामायणी के सानिध्य में करतार नगर हनुमान मंदिर में मनाया अन्नकूट महोत्सव
तेज निगाहें: पूर्वी दिल्ली। दीपावली की अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री नवल किशोर दास रामायणी ने बताया कि जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे।
सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इसी कडी उत्तर पूर्वी दिल्ली के हनुमान मंदिर करतार नगर चौथा पुस्ता पर गोवर्धन पूजा के अवसर पर अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। यह कार्यक्रम महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री नवल किशोर दास रामायणी के सानिध्य में हनुमान मंदिर परिसर चौथा पुस्ता करतार नगर में रविवार को मनाया गया। इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण के भजनों का गुणगान किया गया। कार्यक्रम में शामिल भक्तों ने महाराज नवल किशोर दास रामायणी का स्वागत किया और उनका आशार्वाद लिया।