अधिक मास के कारण एक महीने की देरी से नवरात्री का पर्व शुरू होगा…पं.कौशल पाण्डेय 

   दिल्ली। इस वर्ष 2020 में अधिक मास के कारण एक महीने की देरी से नवरात्री का पर्व शुरू होगा, प्रत्येक 3 वर्ष के बाद एक बार अधिकमास आता है। इस वर्ष 2 से  17 सितंबर तक श्राद्ध पक्ष है अगले दिन यानि 18 सितम्बर से 16 अक्टूबर तक अधिक मास का समय है जो  28 दिन का होता है। लइस समय सभी शुभ कार्य वर्जित होते है। इस वर्ष शारदीय नवरात्री  शनिवार 17 अक्टूबर 2020 से प्रारम्भ  होंगे और समापन 25 अक्टूबर 2020  को होगा।  शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। मां दुर्गा के तीन स्वरूप हैं, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती इसलिए इसे त्रिशक्ति के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रों में विशेष रूप से देवी की पूजा, पाठ, उपवास, भक्ति की जाती है। नवरात्री का अर्थ नौ रातें होती है. इन नौ रातों में माँ दुर्गा के नौ रुपों की पूजा होती है ,माता के इन नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के इन्हीं नौ दिनों पर मां दुर्गा के जिन नौ रूपों का पूजन किया जाता है वे हैं – पहला शैलपुत्री, दूसरा ब्रह्माचारिणी, तीसरा चन्द्रघन्टा, चौथा कूष्माण्डा, पाँचवा स्कन्द माता, छठा कात्यायिनी, सातवाँ कालरात्रि, आठवाँ महागौरी, नौवां सिद्धिदात्री।



       माँ दुर्गा देवी के नौ रुपों की पूजा की जाय तो मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माता की कृपा पाने के लिए नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का पाठ का पाठ करना चाहिये। दुर्गा सप्तशती में बताये मंत्रों और श्लोकों का पाठ करने मात्र से माँ की कृपा बनी रहती है। इन नौ दिनों के दौरान देवी की आराधना करने वाले भक्तों को ब्रह्माचर्य पालन का पालन करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन कर मां भगवती की भक्ति करने वालों से मां जल्द खुश होती हैं और उनकी सारी मनोकामनाओं को पूरा करती है।


 


 


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