प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम सम्बोधन में सात बातों पर मांगा जनता का साथ
नई दिल्लीः देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में 21 दिन के लॉक डाउन में जनता के धैर्य और साहस की सराहना करते हुए उनका आभार जताया। देश कोरोना की बीमारी से सुरक्षित रहे। इसके लिए उन्होंने अनेक बातों को समझाते हुए लॉक डाउन की समय सीमा को 3 मई तक बढ़ा दिया है। देश के प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यह फैसला देश की राज्य सरकारों एवं देश की जनता से विचार विर्मश करके लिया गया है। उन्होने ये भी कहा कि 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले और हर राज्य को बडी बारीकी से परखा जायेगा। उस क्षेत्र किस तरह से लॉक डाउन का पालन हो रहा है और जो क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे, जो अपने यहा हॉटस्पॉट नहीं बनने देगें। जहां होटस्पोट नही बनेंने। वहां कुछ गतिविधियों में सशर्त छूट दी जा सकती है। छूट मिलने के बाद यदि उन इलाको में कोई भी कोरोना मरीज मिला या फिर जनता ने शर्तों का उल्लंघन किया तो तुरंत वहां पर सारी छूट को बंद कर दी जायेंगी। वहां बाहर निकलने के नियम बहुत शक्त होगें।
इसलिए ना खुद लापरवाही करना है और दूसरो को लापरवाही करने देना है। कल से सरकार नई गाइड लाइन तय करेगी। अभी तक कोरोना कर्फ्यू के दौरान सरकार ने गरीबों के लिए विशेष ध्यान दिया है और नई गाइड लाइन में भी इसका ध्यान रखा जायेगा। विश्व कल्याण और देश कल्य़ाण के लिए बैज्ञानिक नौजवान आगे आए। सात बात पर जनता का साथ मांगते हुए कहा कि घर में बुजुर्गों की विशेष देखभाल रखे, खासकर ऐसे बुजुर्गों की जो पूर्व बीमारी से पीड़ित हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें। घर में बने फेस कवर, मास्क का प्रयोग करें। अपनी ह्यूमीनिटी बढाने के लिए घर में गर्म पानी व काढा पीये। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए अपने फॉन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करें और दूसरो को भी प्ररित करें। गरीबों की सेवा करें। अपने व्यवसाय अपने उघोग में काम करने वालों के प्रति संवेदना रखे, किसी को नौकरी से ना निकालें। इस दौरान कोरोना योद्धा पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर्स का सम्मान करे।